Weather news: दिल्ली और मुंबई में बढ़ता हुआ धुंआ और खराब वायु गुणवत्ता, एक गंभीर समस्या
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Weather news: इस समय दिल्ली और मुंबई दोनों ही शहरों में प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता की गंभीर समस्या सामने आई है। जहां दिल्ली में सर्दी की लहर और खराब वायु गुणवत्ता के कारण घना धुंआ फैला हुआ है, वहीं मुंबई भी खराब वायु गुणवत्ता से प्रभावित हो रहा है। इन दोनों महानगरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक है, और इससे नागरिकों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता का असर
दिल्ली, जो पहले ही वायु प्रदूषण के लिए जानी जाती है, इस बार एक बार फिर गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 393 के स्तर पर पहुंच चुका है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। पिछले शनिवार को यह AQI 370 था। AQI का मानक इस प्रकार है:
- 0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’ माना जाता है।
- 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’।
- 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’।
- 201 से 300 के बीच ‘खराब’।
- 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’।
- 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’।
दिल्ली में इस समय AQI का स्तर 393 होने के कारण ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि सुबह 8:30 बजे तक शहर में आर्द्रता का स्तर 97 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया था। अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट इस हफ्ते फिर से देखने को मिली है, जिसके कारण अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे और अंतिम चरण को फिर से लागू करना पड़ा है। इसके तहत, सभी स्कूलों को ऑनलाइन किया गया है, BS-IV या पुराने डीजल इंजन वाले माध्यम और भारी मालवाहन को दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा, दिल्ली में सभी निर्माण गतिविधियों को भी रोक दिया गया है। IMD के अनुसार, यह धुंआ कुछ और दिनों तक बना रह सकता है क्योंकि दिल्ली में ठंड बढ़ रही है।
दिल्ली में सर्दी की लहर और तापमान में गिरावट
दिल्ली में सर्दी की लहर ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के पास रिकॉर्ड किया गया है। IMD के अनुसार, दिल्ली के सफदरजंग और पालम में न्यूनतम तापमान क्रमशः 7.3 और 8.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यह तापमान सामान्य से बहुत कम है और सर्दी की लहर ने हवा में ठंडक को बढ़ा दिया है, जिससे प्रदूषण के कणों का फैलाव और भी अधिक हो रहा है।
मुंबई भी धुंआ से प्रभावित
मुंबई, जो अपने समशीतोष्ण जलवायु के लिए जाना जाता है, इस बार सर्दी और प्रदूषण के कारण चिंता का विषय बन गया है। मुंबई में इस बार सबसे अधिक ठंड महसूस की जा रही है। शहर में यह ठंड कई दशकों में सबसे अधिक देखी जा रही है। साथ ही, मुंबई की वायु गुणवत्ता भी खराब हो गई है। चार दिन से लगातार शहर में धुंआ छाया हुआ है, और AQI 176 तक पहुंच गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले इस हफ्ते, AQI 199 तक पहुंच गया था, जो ‘खराब’ श्रेणी में था।
मुंबई में यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है जब शहर में हवा की गति धीमी हो गई है और प्रदूषण के कणों का फैलाव बढ़ गया है। इस कारण, धुंआ और प्रदूषित हवा शहर में जमा हो गई है और नागरिकों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
धुंआ और प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों में बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर नागरिकों की सेहत पर पड़ रहा है। खराब वायु गुणवत्ता से श्वसन संबंधी समस्याएं, एलर्जी, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।
दिल्ली में जहां पहले ही सर्दी की लहर ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, वहीं मुंबई में भी प्रदूषण के कारण लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि इसके प्रभाव से दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है।
क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
दिल्ली और मुंबई दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली में GRAP के चौथे चरण के तहत निर्माण कार्यों पर रोक और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार द्वारा नागरिकों से वाहनों का कम इस्तेमाल करने और अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील की जा रही है।
मुंबई में भी प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए शहर के कई हिस्सों में ट्रैफिक नियंत्रण और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
दिल्ली और मुंबई दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। सर्दी की लहर और बढ़ते प्रदूषण के कारण नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हालांकि, दोनों शहरों की सरकारें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही हैं, लेकिन यह समस्या दीर्घकालिक समाधान की मांग करती है। हमें इस दिशा में और अधिक सख्त कदम उठाने होंगे, जैसे कि हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करना और स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों को प्रोत्साहित करना। केवल तभी हम इन शहरों की हवा को फिर से स्वच्छ और सुरक्षित बना सकते हैं।